पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में अपनी कायराना हरकतों को बढ़ाते हुए 600 एसएसजी कमांडो की घुसपैठ की है। कश्मीरी कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा और जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने इस गंभीर स्थिति का खुलासा किया है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में अपनी कायराना हरकतों को बढ़ाते हुए 600 एसएसजी कमांडो की घुसपैठ की है। कश्मीरी कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा और जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने इस गंभीर स्थिति का खुलासा किया है। इस घुसपैठ के बाद भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई की है और ऑपरेशन सर्प विनाश 2.0 शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान की कायराना रणनीति:
मिर्जा का दावा है कि पाकिस्तान के SSG कमांडो कुपवाड़ा और जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में घुसपैठ कर चुके हैं। उनका कहना है कि इन कमांडो को स्थानीय जिहादी स्लीपर सेल समर्थन प्रदान कर रहे हैं। मिर्जा के अनुसार, पाकिस्तान के मेजर जनरल आदिल रहमानी मुजफ्फराबाद से एक आक्रामक योजना को अंजाम दे रहे हैं और भारतीय क्षेत्र में साजिशें कर रहे हैं।
भारतीय सेना की प्रतिक्रिया:
इस घुसपैठ की जानकारी मिलने के बाद भारतीय सेना ने अपने ग्राम रक्षा बलों को पुनः सक्रिय किया है। ऑपरेशन सर्प विनाश 2.0 के तहत, सेना ने पहाड़ी इलाकों में आतंकवादियों और पाकिस्तानी सैनिकों का खात्मा करने के लिए विशेष अभियान चलाना शुरू किया है। इस ऑपरेशन की निगरानी सीधे प्रधानमंत्री दफ्तर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हाथ में है।
पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद का समर्थन:
पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने मिर्जा के दावों की पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तानी मेजर जनरल आदिल रहमानी जम्मू-कश्मीर में हमलों का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद सलीम जांजुआ स्थानीय जिहादी समर्थकों की मदद से यह ऑपरेशन चला रहे हैं।
संभावित युद्ध की आशंका:
पाकिस्तान की इस हरकत ने 1999 के कारगिल युद्ध की यादें ताजा कर दी हैं, जब लगभग 5,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी। अब, पीर पंजाल रेंज, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पीओके जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है।
भारतीय सेना का ऑपरेशन:
भारतीय सेना ने रणनीतिक स्थानों को सुरक्षित करने और बॉर्डर से जुड़ी अधिकतम इलाकों को लक्ष्य बनाने के लिए 80 किमी के दायरे में सैनिकों की तैनाती की है। यह ऑपरेशन पाकिस्तान की इस कायराना घुसपैठ का जवाब देने और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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