जानें कैसे QR कोड स्कैनिंग में फर्जीवाड़ा हो सकता है। वायरल वीडियो ने ऑनलाइन पेमेंट के खतरों को उजागर किया। सुरक्षित लेनदेन के टिप्स पढ़ें।
आज के डिजिटल युग में QR कोड का इस्तेमाल बेहद आम हो गया है। लोग दुकानों में खरीदारी करते समय अक्सर क्यूआर कोड स्कैन कर ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। लेकिन हाल ही में वायरल हो रहा एक वीडियो ऑनलाइन पेमेंट से जुड़े खतरों की ओर ध्यान खींच रहा है।
वीडियो की कहानी:
इंस्टाग्राम पर वायरल इस वीडियो में आर्यन परवार नाम का एक शख्स अपने बैंक अकाउंट का QR कोड प्रिंट करवाता है। इसके बाद वह दुकानदारों के असली स्कैनर पर अपना क्यूआर कोड चिपका देता है। लोग सामान खरीदने के बाद आर्यन के कोड को स्कैन कर पैसे उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं, जबकि दुकानदार को कुछ नहीं मिलता।
क्या यह वीडियो असली है या फर्जी?
वीडियो को देखकर यह मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया प्रतीत होता है।
- भरोसे की चूक:
दुकानदार अक्सर बड़े लेनदेन से पहले ग्राहक के नाम और पेमेंट कंफर्म करते हैं। - सोशल मीडिया की चर्चा:
वीडियो को अब तक 5 करोड़ 12 लाख से ज्यादा बार देखा गया है और हजारों कमेंट्स आए हैं।- एक यूजर ने लिखा, "पैसे ट्रांसफर करते समय नाम चेक करना चाहिए।"
- दूसरे ने कहा, "यह फर्जी वीडियो है, बस मनोरंजन के लिए बनाया गया है।"
ऑनलाइन पेमेंट के खतरे:
इस वीडियो ने एक गंभीर मुद्दे की ओर इशारा किया है:
- QR कोड से धोखाधड़ी:
- फर्जी क्यूआर कोड लगाकर ठगी करना आजकल आम हो रहा है।
- सावधान रहें:
- भुगतान करने से पहले दुकानदार का नाम और QR कोड जांच लें।
क्या सीखें?
- सावधानी बरतें:
हमेशा क्यूआर कोड स्कैन करते समय दुकानदार का नाम और विवरण चेक करें। - तकनीकी जागरूकता बढ़ाएं:
दुकानदारों को फर्जीवाड़े से बचाने के लिए डिजिटल पेमेंट की जानकारी होनी चाहिए। - जांच करें:
कोई भी बड़ा पेमेंट करने से पहले दुकानदार से वेरिफिकेशन जरूर कर लें।
निष्कर्ष:
वीडियो असली हो या फर्जी, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करता है। ऑनलाइन पेमेंट करते समय सतर्क रहना हर ग्राहक और दुकानदार की जिम्मेदारी है। डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए सभी को जागरूक रहना चाहिए।