पेरिस: भारतीय शूटिंग स्टार मनु भाकर अब इतिहास रचने के बेहद करीब हैं। पेरिस ओलंपिक में उन्होंने पहले ही दो पदक अपने नाम कर लिए हैं और अब तीसरे पदक की दौड़ में शामिल हैं।
पेरिस: भारतीय शूटिंग स्टार मनु भाकर अब इतिहास रचने के बेहद करीब हैं। पेरिस ओलंपिक में उन्होंने पहले ही दो पदक अपने नाम कर लिए हैं और अब तीसरे पदक की दौड़ में शामिल हैं। अगर आज वे अपनी तीसरी प्रतियोगिता में भी जीत हासिल करती हैं, तो वे एक ही ओलंपिक संस्करण में तीन पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन जाएंगी। उनका फाइनल मुकाबला आज दोपहर 1:00 बजे से शुरू होगा, और उनकी शानदार फॉर्म को देखते हुए, गोल्ड मेडल की उम्मीदें आसमान छू रही हैं।
25 मीटर वीमेंस पिस्टल इवेंट में भी दिखाया दम
मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर मिस्क्ड पिस्टल इवेंट्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अब, उन्होंने 25 मीटर वीमेंस पिस्टल इवेंट में भी शानदार प्रदर्शन किया है, जहां उन्होंने 590 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल में प्रवेश किया। दर्शक अब उनसे गोल्ड मेडल की आशा लगाए हुए हैं।
मनु की अद्वितीय उपलब्धियाँ
मनु भाकर इस ओलंपिक सीजन में दो पदक जीतकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम कर चुकी हैं। वे स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट हैं जिन्होंने एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीते हैं। इसके पहले, 1900 में नॉर्मन प्रीचर्ड ने भी दो सिल्वर मेडल जीते थे, लेकिन उस समय देश स्वतंत्र नहीं था।
शिक्षा और करियर की कहानी
22 वर्षीय मनु भाकर की स्कूली शिक्षा यूनिवर्सल पब्लिक सैकेंडरी स्कूल से पूरी हुई। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की और 2021 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
अन्य खेलों में भी रुचि
मनु की रुचि केवल शूटिंग तक सीमित नहीं है। वे टेनिस, स्केटिंग, और बॉक्सिंग को भी पसंद करती हैं। इसके अलावा, उन्होंने मार्शल आर्ट्स के 'थांग टा' में भी भाग लिया और पदक जीते।
शूटिंग का सफर और पारिवारिक समर्थन
मनु भाकर ने 14 साल की उम्र में शूटिंग में अपनी रुचि विकसित की और तब से उन्होंने इस खेल में अपनी पूरी ऊर्जा लगा दी। उनके पिता, राम किशन भाकर, जो मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर हैं, ने उनकी इस यात्रा में पूरा समर्थन किया। जब मनु ने पहली बार स्पोर्ट्स शूटिंग पिस्टल मांगी थी, तब उसकी कीमत करीब 1.5 लाख रुपये थी। उनकी मां, सुमेधा भाकर, एक हाउस वाइफ हैं और उन्होंने भी मनु के सपनों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भविष्य की योजनाएँ और प्रेरणा
मनु भाकर का भविष्य उज्जवल दिख रहा है, और वे न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियाँ हासिल करना चाहती हैं, बल्कि भारत को खेलों के अंतरराष्ट्रीय मंच पर गर्वित भी करना चाहती हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है, और उनकी आगे की यात्रा पर सभी की निगाहें हैं।
Folows us on
Whatsapp Channel
Googel News