वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर: बिलासपुर जिले में डायरिया का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। मस्तूरी क्षेत्र में देर रात एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 2 वर्षीय मासूम की डायरिया के चलते दुखद मौत हो गई।
वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर: बिलासपुर जिले में डायरिया का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। मस्तूरी क्षेत्र में देर रात एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 2 वर्षीय मासूम की डायरिया के चलते दुखद मौत हो गई। बच्चे के परिवार ने रात भर उसे उल्टी और दस्त के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने का प्रयास किया, लेकिन वह रास्ते में ही दम तोड़ गया।
जल संकट और स्वास्थ्य संकट का समवेत चित्रण
मस्तूरी विकासखंड के ग्राम बूढ़ीखार में राजकुमार केवर्त के दो बड़ी बेटियाँ और एक 2 साल का बेटा वीर केवर्त हैं। रात में अचानक वीर को उल्टी और दस्त की समस्या शुरू हो गई। परिजनों ने उसे पहले मल्हार स्थित अस्पताल ले जाने की कोशिश की, जहां डॉक्टर ने उसे गंभीर स्थिति के चलते मस्तूरी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, मस्तूरी ले जाते समय बच्चे की मृत्यु हो गई।
गांव में पानी की गंभीर कमी ने स्थिति को और भी बिगाड़ दिया है। जानकारी के अनुसार, मृत बच्चे के घर के आसपास 8 से 10 लोग भी डायरिया से प्रभावित हैं। बूढ़ीखार के केंवट मोहल्ले में सरकारी हैंडपंप की कमी के कारण ग्रामीणों को एक खुले कुएं का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह स्थिति नल जल योजना और अन्य स्वच्छ जल आपूर्ति योजनाओं की विफलता को उजागर करती है।
स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता
स्वास्थ्य विभाग की टीम अब मौके पर पहुंच चुकी है और डायरिया के प्रकोप की जांच शुरू कर दी है। उनकी प्राथमिकता इस स्थिति को नियंत्रित करना और आगे के प्रकोप से बचने के लिए त्वरित कदम उठाना है।
निवासियों की चीत्कार
इस संकट ने ग्रामीणों की जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्वच्छ पानी की कमी और सरकारी योजनाओं की विफलता ने ग्रामीणों को एक बार फिर स्वास्थ्य संकट के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।