आरक्षण नहीं, अब निशाने पर शेख हसीना: बांग्लादेश में क्यों सुलग गई यह नई आग?

Date: 2024-08-05 09:30:10

बांग्लादेश में पीएम शेख हसीना की सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें अब तक 98 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारी सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और आरक्षण नीति को लेकर विरोध जारी है। सरकार ने कर्फ्यू और सोशल मीडिया बंद कर दिया है।

आरक्षण नहीं, अब निशाने पर शेख हसीना: बांग्लादेश में क्यों सुलग गई यह नई आग?

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की कुर्सी पर संकट के बादल छा गए हैं। आरक्षण की समस्या से शुरू हुआ विवाद अब उनकी इस्तीफे की मांग तक पहुंच चुका है। रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन और सत्तारूढ़ आवामी लीग के समर्थकों के बीच झड़पों में 98 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए। मारे गए लोगों में 14 पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिनपर प्रदर्शनकारियों का गुस्सा फूटा है।

शेख हसीना सरकार का संकट

प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने हाल ही में स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने का निर्णय लिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाए गए इस कदम के बाद छात्रों ने अपना असहयोग आंदोलन जारी रखा, जो अब राजनीतिक आंदोलन में बदल चुका है। यदि यह आंदोलन केवल आरक्षण से संबंधित होता, तो अब तक समाप्त हो गया होता, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह सरकार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है।


हिंसक प्रदर्शन और कर्फ्यू

हिंसक झड़पों के बाद, गृह मंत्रालय ने देशभर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, व्हॉट्सऐप, और इंस्टाग्राम को बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। बांग्लादेश सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी है।

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी करार देते हुए उनसे सख्ती से निपटने का आदेश दिया है। उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि ऐसे तत्वों को सख्त सजा दी जाए। हसीना ने सुरक्षा बलों की बैठक बुलाई है और तीन दिवसीय सामान्य अवकाश की घोषणा की है ताकि हिंसा को नियंत्रित किया जा सके।


सेना का संभावित कदम

इस बीच, पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने सरकार से आग्रह किया है कि सशस्त्र बलों को सड़कों से हटा कर बैरकों में वापस भेजा जाए। उनका कहना है कि मौजूदा स्थिति का राजनीतिक समाधान खोजा जाए ताकि सेना की प्रतिष्ठा को नुकसान न पहुंचे।

आंदोलन का भविष्य

प्रदर्शनकारी अब आरक्षण सुधार आंदोलन को लेकर शहीद स्मारक पट्टिकाओं का अनावरण करने की योजना बना रहे हैं। बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें मुख्य रूप से छात्र शामिल हैं। यह आंदोलन अब बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाल रहा है।

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