छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, तत्कालीन एक्जाम कंट्रोलर आरती वासनिक को किया गिरफ्तार। जानें कैसे 2019-2022 की भर्ती प्रक्रिया में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा और क्या हैं नए सबूत।
रायपुर।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) घोटाले की जांच में सीबीआई ने बड़ा कदम उठाते हुए तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पहले ही सीबीआई ने पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और व्यापारी श्रवण कुमार गोयल को हिरासत में लिया था।
पूछताछ में अहम सबूत मिले:
सीबीआई पिछले दो दिनों से आरती वासनिक से लगातार पूछताछ कर रही थी। जांच एजेंसी के अनुसार, वासनिक के खिलाफ कई ठोस सबूत मिले हैं, जो इस घोटाले में उनकी संलिप्तता को दर्शाते हैं। सीबीआई ने बताया कि अब आरती वासनिक को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा जाएगा ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।
कब और कैसे शुरू हुआ विवाद:
छत्तीसगढ़ पीएससी में 2019 से 2022 के बीच हुई भर्तियों में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। 2020 में 175 पदों और 2021 में 171 पदों पर हुई भर्ती प्रक्रिया विवादों में रही। कुछ उम्मीदवारों के चयन को लेकर सवाल उठे, जिसके बाद ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने मामले में केस दर्ज किया।
क्या है घोटाले का तरीका:
जांच में सामने आया कि कुछ अभ्यर्थियों को गैर-कानूनी तरीके से चयनित किया गया। सीबीआई की प्राथमिक जांच में यह बात स्पष्ट हुई कि चयन प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन कर गड़बड़ियां की गईं। अब आरती वासनिक से पूछताछ के बाद मामले में और भी बड़े नाम सामने आने की संभावना है।
पहले भी हुई हैं गिरफ्तारियां:
सीबीआई ने इस मामले में पहले छत्तीसगढ़ पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और व्यापारी श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था। अब आरती वासनिक की गिरफ्तारी के बाद जांच में तेजी आने की उम्मीद है।
भविष्य में क्या होगा:
सीबीआई इस मामले में और गहन जांच कर रही है। एजेंसी ने संकेत दिया है कि इस घोटाले में अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। जनता और उम्मीदवारों की नजर अब इस बात पर है कि दोषियों को कब और कैसे सजा मिलेगी।
छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले ने राज्य की सरकारी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि सीबीआई की इस जांच से कौन-कौन से और बड़े खुलासे होते हैं।