छत्तीसगढ़ में टीकाकरण के बाद मासूम की मौत: परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए लापरवाही के आरोप

Date: 2024-12-08 19:04:12

सूरजपुर जिले के परशुरामपुर गांव में टीकाकरण के बाद ढाई माह के मासूम की मौत। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। जानें पूरा मामला।

छत्तीसगढ़ में टीकाकरण के बाद मासूम की मौत: परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए लापरवाही के आरोप

सूरजपुर।
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर टीकाकरण के बाद मासूम की मौत का मामला सामने आया है। सूरजपुर जिले के रामानुजनगर थाना क्षेत्र के परशुरामपुर गांव में ढाई माह के बच्चे की मौत ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।

परिजनों का कहना है कि शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण के दौरान उनके बच्चे को पेंटावैलेंट वैक्सीन लगाई गई थी। टीका लगने के बाद बच्चे को बुखार आया, जो धीरे-धीरे गंभीर होता गया। परिजनों ने कई बार स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया, लेकिन केवल बुखार की दवा देने की सलाह दी गई।

मौत के बाद का घटनाक्रम:
रविवार सुबह बच्चे की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई।

बीएमओ का पक्ष:
रामानुजनगर बीएमओ प्रियंका शर्मा ने टीकाकरण से मौत के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की वही वायल अन्य बच्चों को भी दी गई थी, और वे सभी स्वस्थ हैं। बीएमओ ने यह भी बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का असल कारण स्पष्ट होगा।

पुलिस जांच में जुटी:
थाना प्रभारी राजेंद्र साहू ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर मर्ग इंटिमेशन दर्ज कर लिया गया है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है, और रिपोर्ट का इंतजार है।

पिछले मामलों की कड़ी:

छत्तीसगढ़ में टीकाकरण के बाद मासूमों की मौत के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं:

  • बिलासपुर जिले में दो नवजात शिशुओं की मौत।
  • गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में डेढ़ माह के बच्चे की मौत।

मासूमों के दुखद आंकड़े:

  1. माता धनेश्वरी, पिता राकेश गंधर्व के शिशु का जन्म: 29/08/2024
  2. माता सत्यभामा, पिता रविंद्र मानिकपुरी के शिशु का जन्म: 25/06/2024
  3. माता प्रमिला आयाम, पिता सरवन आयाम के शिशु का जन्म: 14/07/2024

निष्कर्ष:

इस घटना ने टीकाकरण कार्यक्रम की सुरक्षा और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकेगी। यह देखना होगा कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग इन आरोपों का सामना कैसे करते हैं।

क्या यह मामला लापरवाही का है या किसी और कारण का? सच जल्द ही सामने आएगा।

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