छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में डिस्टलरी मालिकों पर शिकंजा: ईडी ने विशेष कोर्ट में याचिका दायर की

Date: 2024-12-14 15:03:50

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी ने भाटिया, वेलकम और केडिया डिस्टलरी के मालिकों पर शिकंजा कसा। 2,100 करोड़ के राजस्व नुकसान वाले इस घोटाले में ईडी ने कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में डिस्टलरी मालिकों पर शिकंजा: ईडी ने विशेष कोर्ट में याचिका दायर की

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डिस्टलरी मालिकों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। भाटिया डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी और केडिया डिस्टलरी के संचालकों के खिलाफ विशेष कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।


तीसरा पूरक चालान पेश

पिछले महीने, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 2,000 से अधिक पन्नों का तीसरा पूरक चालान विशेष कोर्ट में पेश किया। इसमें अनिल टुटेजा, सुनील दत्त और विकास अग्रवाल जैसे प्रमुख आरोपियों के खिलाफ नए सबूत शामिल हैं।

  • विकास अग्रवाल उर्फ शिबू: फरार आरोपी विकास अग्रवाल के खिलाफ कोर्ट में फरारी चालान दायर किया गया है।
  • अनवर ढेबर का सहयोगी: विकास अग्रवाल को इस घोटाले में मास्टरमाइंड अनवर ढेबर का मुख्य सहयोगी बताया गया है।

अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी से पूछताछ

मेरठ जेल में बंद अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को रायपुर लाकर ईडी ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की।

  • ईडी का दावा: अनवर ढेबर ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग में संगठित सिंडिकेट बनाया।
  • टुटेजा की भूमिका: उन्होंने अपने पसंदीदा अफसरों की नियुक्ति कर विभाग में अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया।
  • नकली होलोग्राम का उपयोग: एपी त्रिपाठी और विधु गुप्ता ने सरकारी शराब दुकानों में नकली होलोग्राम का इस्तेमाल कर अवैध शराब बेचने का नेटवर्क खड़ा किया।

2,100 करोड़ का राजस्व नुकसान

ईडी की जांच के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच इस घोटाले की वजह से छत्तीसगढ़ सरकार को 2,100 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ। जांच में अब तक 205.49 करोड़ रुपए की 18 चल संपत्तियां और 161 अचल संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं।


घोटाले की तीन श्रेणियां

ईडी ने इस घोटाले को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया है:

  1. नकली होलोग्राम का उपयोग: सरकारी दुकानों पर नकली होलोग्राम के जरिए अवैध शराब बेची गई।
  2. बेहिसाब शराब बिक्री: अवैध शराब की बिक्री से राजस्व की हेराफेरी की गई।
  3. राजस्व में हेराफेरी: शराब बिक्री से जुड़े सरकारी आंकड़ों में फर्जीवाड़ा किया गया।

डिस्टलरी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई

ईडी की नई याचिका का उद्देश्य भाटिया डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी और केडिया डिस्टलरी के मालिकों को घोटाले में सीधे आरोपी बनाना है। इससे घोटाले में शामिल बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना है।


अगले कदम की तैयारी

ईडी की इस याचिका पर होने वाली सुनवाई छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन में बड़ा प्रभाव डाल सकती है। कोर्ट का निर्णय आने वाले दिनों में घोटाले की जांच की दिशा तय करेगा।

Share It On:

Leave Your Comments