छत्तीसगढ़ विधानसभा में भूपेश बघेल ने बिना टेंडर पुल निर्माण, आचार संहिता उल्लंघन और वन नेशन वन इलेक्शन पर सरकार को घेरा। विजय दिवस पर चर्चा न होने को लेकर भी जताई नाराज़गी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मंत्री कवासी लखमा के बयान से स्पष्ट होता है कि बिना स्वीकृति और टेंडर के पुल-पुलिया का निर्माण हुआ, जिसे PHE मंत्री अरुण साव ने स्वीकार भी किया। बघेल ने इसे आचार संहिता का सीधा उल्लंघन बताया।
वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 15 अगस्त को लाल किले से इसका ऐलान करते हैं, लेकिन बाद में इसे लागू नहीं किया जाता। उन्होंने पूछा कि यदि किसी राज्य सरकार का कार्यकाल बीच में समाप्त हो गया तो इसे कैसे लागू करेंगे। पंचायत चुनावों पर भी सवाल उठाए।
प्रियंका गांधी के बैग को लेकर सदन में हुए हंगामे पर बघेल ने कहा कि 16 दिसंबर को विजय दिवस पर पाकिस्तान की सेना के 93,000 सैनिकों के आत्मसमर्पण पर चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन सदन का ध्यान बैग जैसे मुद्दों पर भटकाया गया।