छत्तीसगढ़ में भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण के सफल प्रयासों के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को 225 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। यह राशि ग्रामीण और शहरी नागरिकों के लिए भूमि सेवाओं को सुगम बनाने के उद्देश्य से दी गई है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में किए गए सफल प्रयासों के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 225 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की है। यह राशि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को डिजिटल बनाने और नागरिकों को भूमि संबंधी सेवाओं का लाभ सुगमता से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दी गई है।
राशि का वितरण और उद्देश्य
150 करोड़ रुपये:
भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को ऑनलाइन करने और इसे भूमि रिकॉर्ड से जोड़ने के लिए।
75 करोड़ रुपये:
विरासत रजिस्ट्री को डिजिटल कर आम जनता के लिए सर्च सुविधा उपलब्ध कराने के लिए।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बयान
मुख्यमंत्री ने इस प्रोत्साहन राशि को राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह प्रयास राज्य में डिजिटलीकरण की गति को तेज करेगा और नागरिकों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ सरलता से मिलेगा।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाभ
ग्रामीण क्षेत्र:
भूमि अभिलेख डिजिटलीकरण के तहत किसानों को भू-आधार (यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर) जारी किया जाएगा। साथ ही, कैडेस्ट्रल नक्शों का सर्वेक्षण और डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिससे किसानों को बैंकिंग सेवाओं, ऋण और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।
शहरी क्षेत्र:
शहरी क्षेत्रों में जीआईएस मैपिंग के माध्यम से भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण किया जा रहा है। यह ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देगा, शहरी नियोजन में पारदर्शिता लाएगा और मास्टर प्लान तैयार करने में मदद करेगा।
परियोजना का महत्व
भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण से:
- सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- नागरिकों को भूमि संबंधी सेवाओं और योजनाओं तक त्वरित और आसान पहुंच मिलेगी।
- राज्य में विकास कार्यों को नई दिशा मिलेगी।
केंद्र सरकार की सराहना
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक है।
यह परियोजना छत्तीसगढ़ के विकास को गति देने के साथ-साथ नागरिकों के जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाने में सहायक होगी।