एग्रोस्किल एनजीओ द्वारा छत्तीसगढ़ में जैविक काले, हरे और लाल चावल की खेती से किसानों को प्रति एकड़ 5-6 लाख रुपये की आय होगी।
छत्तीसगढ़ में एग्रोस्किल सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। एनजीओ ने राज्य में किसानों को जैविक काले, हरे और लाल चावल की खेती कराने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत किसानों को प्रति एकड़ 5 से 6 लाख रुपये तक की आय होने की संभावना है।
जैविक खेती से समृद्धि की ओर कदम
किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण और जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी बल्कि जैविक उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी। एग्रोस्किल का उद्देश्य कृषि के साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। काले, हरे और लाल चावल के पौष्टिक गुणों और उच्च बाजार मूल्य के कारण, इनकी खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
किसानों को मिलेगा एनजीओ का साथ
एग्रोस्किल सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सीईओ गौरी शंकर ने कहा, "हम किसानों को जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अच्छी आय अर्जित कर सकें। हमारी टीम हर कदम पर उनके साथ है।"
किसानों को फाउंडेशन की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रमों और तकनीकी सहायता का लाभ मिलेगा, जिससे वे जैविक खेती को बेहतर तरीके से समझ सकें। छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में इस पहल को बहुत सकारात्मक माना जा रहा है, और यह राज्य के ग्रामीण इलाकों में हरियाली और समृद्धि लाने में कारगर साबित हो रही है।
फाउंडेशन का भविष्य का विजन
एग्रोस्किल का लक्ष्य न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देशभर के किसानों तक जैविक खेती का लाभ पहुंचाना है। इस मुहिम से न केवल किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, बल्कि जैविक उत्पादों की मांग में भी इज़ाफा होगा।
निष्कर्ष
एग्रोस्किल सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की यह पहल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने का एक प्रयास है। जैविक खेती न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।