अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा: जानें उनके तीन दिवसीय कार्यक्रम की पूरी जानकारी, बस्तर ओलंपिक में शिरकत, नक्सल अभियान की समीक्षा और जवानों से संवाद।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 14 दिसंबर से 16 दिसंबर 2024 तक तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे। उनका यह दौरा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास, सुरक्षा बलों के साथ संवाद और नक्सल अभियान की प्रगति का आकलन करने के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
अमित शाह का कार्यक्रम शेड्यूल
14 दिसंबर 2024
- रात 9 बजे दिल्ली से रायपुर आगमन।
- रात्रि विश्राम रायपुर में।
15 दिसंबर 2024
- सुबह: पुलिस परेड ग्राउंड में प्रेसिडेंट पुलिस कलर अवॉर्ड में शामिल होंगे।
- दोपहर: जगदलपुर के लिए प्रस्थान।
- बस्तर संभागीय बस्तर ओलंपिक समापन समारोह में हिस्सा लेंगे।
- रात: नक्सल अभियान में शामिल जवानों के साथ रात्रि भोज।
- नक्सल इलाके में स्थित सुरक्षा बल कैंप का दौरा।
16 दिसंबर 2024
- सुबह:
- वीरगति को प्राप्त जवानों के परिवारों से मुलाकात।
- शहीदों को श्रद्धांजलि।
- ग्रामीण क्षेत्रों और नक्सल ऑपरेशन कैंप का भ्रमण।
- दोपहर: रायपुर लौटकर एलडब्ल्यूई (लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म) बैठक।
- शाम 4 बजे: रायपुर से दिल्ली वापसी।
हिड़मा के गांव में रात्रि विश्राम की चर्चा
सियासी गलियारों में चर्चा है कि केंद्रीय गृहमंत्री हिड़मा के गांव पूवर्ती या अबूझमाड़ में रात गुजार सकते हैं। यदि ऐसा हुआ, तो अमित शाह ऐसा करने वाले देश के पहले गृहमंत्री होंगे। इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है।
शाह के दौरे का महत्व
अमित शाह का यह दौरा कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है:
नक्सल अभियान की समीक्षा:
शाह ने अपने पिछले दौरे पर दावा किया था कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ नक्सलवाद मुक्त होगा। इस दौरे में वे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और विकास कार्यों का आकलन करेंगे।
डबल इंजन सरकार का विकास एजेंडा:
केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बस्तर ओलंपिक और युवाओं से संवाद:
शाह बस्तर ओलंपिक के माध्यम से आदिवासी युवाओं को प्रेरित करेंगे और उनके साथ संवाद करेंगे।
छत्तीसगढ़ में शाह की प्राथमिकता: नक्सल-मुक्त भारत
केंद्र सरकार की रणनीति नक्सल प्रभावित इलाकों में न केवल सुरक्षा अभियानों को मजबूत करना है, बल्कि ग्रामीण विकास और आत्मसमर्पण नीति के जरिए स्थायी समाधान प्रदान करना है। शाह के इस दौरे से न केवल नक्सल अभियान को बल मिलेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के सियासी समीकरण भी मजबूत होंगे।
नोट:
इस दौरे से जुड़ी हर अपडेट और खबर के लिए आधिकारिक वेबसाइट और समाचार पोर्टल्स पर नजर बनाए रखें।